shiv chalisa lyrics bhakti bharat Can Be Fun For Anyone
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भीम रूप धरि असुर संहारे। रामचन्द्र के काज संवारे।।
प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका ॥ ॐ जय शिव…॥
मैना मातु की ह्वै दुलारी । बाम अंग सोहत छवि न्यारी ॥
योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। शारद नारद शीश नवावैं॥
भगवान शिव का प्रिय फूल कनेर का पुष्प माना जाता है, मान्यता है की भगवान शिव की पूजा में इस पुष्प के चढाने पर सभी मनोकामनये जल्दी पूर्ण होती है।
भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥
जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्तवास शिवपुर में check here पावे॥
अर्थ- हे शिव शंकर आप तो संकटों का नाश करने वाले हो, भक्तों का कल्याण व बाधाओं को दूर करने वाले हो योगी यति ऋषि मुनि सभी आपका ध्यान लगाते हैं। शारद नारद सभी आपको शीश नवाते हैं।
शिव चालीसा - जय गिरिजा पति दीन दयाला । सदा करत सन्तन प्रतिपाला.
जो यह पाठ करे मन लाई। ता पार होत है शम्भु सहाई॥
प्रकटी उदधि मंथन में ज्वाला। जरत सुरासुर भए विहाला॥
चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी ॥ ॐ जय शिव…॥
मातु पिता भ्राता सब कोई। संकट में पूछत नहिं कोई॥
कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर। भये प्रसन्न दिए इच्छित वर॥